बिच्छू बूटी (कंडाली) का साग, stinging nettle veg.
दोस्तो आज में आपके लिए लेके आया हूं आप लोगों के लिए एक ख़ास पहाड़ी व्यंजन जिसका नाम है बिच्छू बूटी का साग जिसे कंडाली का साग भी कहा जाता है। बिच्छू बूटी को अंग्रेजी में stinging nettle कहा जाता है। मेरे पहाड़ी दोस्त जो उत्तराखंड से है वो बिच्छू बूटी व बिच्छू बूटी के साग के बारे में बहुत अच्छी तरह से जानते होंगे, बिच्छू बूटी का साग पहाड़ में बड़े चाव से बनाया वा खाया जाता है।
पर्वतीय क्षेत्रों में इसका साग भी बनाया जाता है। माना जाता है कि बिच्छू घास में काफी आयरन होता है।
दोस्तो बिच्छू बूटी का साग स्वादिष्ट होने के साथ - साथ शरीर के लिए भी अत्यंत लाभकारी होता है। इसका हृदय पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिस से को यह हृदय रोगों से शरीर का बचाव करता है इसके साथ ही यह बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन के लिए भी उत्तम है। साथ ही साथ ब्लड सर्कुलेशन में भी फायदेमंद है व न्यूट्रिशंस से भरपूर है। मतलब की बिच्छू बूटी का साग स्वादिष्ट होने के साथ साथ आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर भी है जो आपकी सेहत और शरीर दोनों का ध्यान रखेगा। तो आईए में बताता हूं आपको बिच्छू बूटी के साग की झटपट रेसिपी।
सामग्री
- बिच्छू बूटी के पत्ते - २०० ग्राम
- सरसों का तेल - 2 बड़े चम्मच
- राई दाना - 1 छोटी चम्मच
- मेथी दाना - 1 छोटी चम्मच
- लहसुन(बारीक कटा हुआ) - 1 छोटी चम्मच
- साबुत लाल मिर्च - 3-4
- नमक - स्वादानुसार
विधि
- बिच्छू बूटी के पत्तों को पानी में 8-10 मिनट तक उबाल लें।
- उबले हुए पत्तों को छानकर चॉपर की सहायता से बारीक काट लें।
- अब एक कढ़ाई में सरसों का तेल डालें।
- तेल गरम होने पर उसमे बारीक कटा हुआ लहसुन, राई के दाने, मेथी दाना व साबुत लाल मिर्च डाल दें ।
- इसमें बारीक कटे हुए बिच्छू बूटी के पत्ते डाल दें।
- स्वादानुसार नमक डाल दें।
- अब इसे 7-8 मिनट तक पकाएं।
- आपका बिच्छू बूटी का साग तैयार है।
रेसिपी नोट-
1- आप चाहे तो इसमें आवश्यकता अनुसार पानी डालकर इसे पानी वाला साग भी बना सकते हैं।
2- अगर आपके पास सिल बट्टा है तो चॉपर से पीसने को जगह इसे सिल बटे में पीसें।
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